![RBI का सख्त एक्शन! इस बैंक का लाइसेंस रद्द, क्या इसमें आपका खाता है?](https://destinationnortheast.co.in/wp-content/uploads/2025/02/rbi-in-action-cancelled-the-license-of-this-bank-allows-to-do-business-as-nbfc-1024x576.jpg)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए तमिलनाडु स्थित कुड्डालोर और विल्लुपुरम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCB) के कर्मचारी सहकारी बैंक लिमिटेड का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह निर्णय 6 फरवरी 2025 से प्रभावी हो गया है, जिसके बाद बैंक को बैंकिंग गतिविधियाँ बंद करने का आदेश दिया गया है।
बैंकिंग लाइसेंस रद्द होने का कारण
आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 22 के साथ धारा 56 के तहत बैंक का लाइसेंस रद्द किया है। इसके परिणामस्वरूप, बैंक अब बैंकिंग व्यवसाय, जैसे कि जमा स्वीकार करना, ऋण प्रदान करना, डेबिट कार्ड भुगतान, ऑनलाइन भुगतान, और नकद निकासी जैसी सेवाएँ प्रदान नहीं कर सकेगा।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के रूप में संचालन
हालांकि, आरबीआई ने बैंक को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 36A(2) के साथ धारा 56 के तहत एक गैर-बैंकिंग संस्थान (NBFC) के रूप में अधिसूचित किया है। इसका अर्थ है कि बैंक अब गैर-बैंकिंग वित्तीय गतिविधियाँ जारी रख सकता है, लेकिन उसे डिमांड डिपॉजिट स्वीकार करने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही, वह डेबिट कार्ड भुगतान, ऑनलाइन भुगतान, और नकद निकासी जैसी सेवाएँ भी प्रदान नहीं कर सकेगा।
ग्राहकों पर प्रभाव
इस निर्णय का सीधा प्रभाव बैंक के ग्राहकों पर पड़ेगा। जो ग्राहक बैंक में डिमांड डिपॉजिट रखते थे, उन्हें अब अपनी जमा राशि की निकासी के लिए अन्य विकल्पों की तलाश करनी होगी। हालांकि, बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह गैर-सदस्यों की अवनैतिक और दावा न की गई जमाराशियों को मांग पर चुकाए।
आरबीआई की सख्ती
आरबीआई ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए लगातार सख्त कदम उठा रहा है। वर्ष 2025 में अब तक, आरबीआई ने 27 बैंकों पर जुर्माना लगाया है और 10 एनबीएफसी का लाइसेंस रद्द किया है। पिछले वर्ष, 12 बैंकों के लाइसेंस रद्द किए गए थे। यह कार्रवाई आरबीआई की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके तहत वह बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता और ग्राहकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है।
बैंक का इतिहास
कुड्डालोर और विल्लुपुरम डीसीसीबी कर्मचारी सहकारी बैंक लिमिटेड की स्थापना 1937 के आसपास हुई थी और यह कुड्डालोर और विल्लुपुरम जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के कर्मचारियों की सेवा करता था। बैंक को 21 मार्च 2000 को बैंकिंग लाइसेंस प्रदान किया गया था।
आगे की राह
बैंक के लिए अब आवश्यक है कि वह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के रूप में अपने संचालन को पुनर्गठित करे और आरबीआई द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करे। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी जमा राशियों के संबंध में बैंक से संपर्क करें और आवश्यक कदम उठाएँ।