![सिम कार्ड खरीदने-बेचने पर PMO का सख्त निर्देश! नियम तोड़ने पर होगी सीधे जेल](https://destinationnortheast.co.in/wp-content/uploads/2025/01/pmo-issues-strict-instructions-for-buying-and-selling-sim-cards-know-rules-1024x576.jpg)
फर्जी Sim Card खरीदने और बेचने के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बड़ा कदम उठाया है। पीएमओ ने दूरसंचार विभाग (DoT) को निर्देश जारी कर सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में सख्ती बरतने के लिए कहा है। नए आदेश के तहत बिना बायोमेट्रिक आधार वेरिफिकेशन के अब कोई भी सिम कार्ड नहीं मिलेगा। यदि कोई बिना सत्यापन के सिम जारी करता है, तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी सिम कार्ड से बढ़ते साइबर क्राइम पर लगाम
हाल के वर्षों में फर्जी दस्तावेजों पर सिम कार्ड जारी कर साइबर अपराध और धोखाधड़ी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। फ्रॉड कॉल, ऑनलाइन ठगी और डिजिटल धोखाधड़ी के कई मामलों में ऐसे फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल किया गया है। इन्हीं घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए PMO ने DoT को निर्देशित किया है कि सभी नए सिम कार्ड बायोमेट्रिक आधार वेरिफिकेशन के बाद ही जारी किए जाएं।
दूरसंचार विभाग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी टेलीकॉम कंपनी या रिटेलर द्वारा नियमों का उल्लंघन किया गया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। इसके अलावा, कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEAs) को भी सतर्क किया गया है कि वे बिना सत्यापन के जारी किए गए सिम कार्ड की पहचान कर आवश्यक कदम उठाएं।
बिना आधार वेरिफिकेशन सिम कार्ड बेचने पर होगी सख्त कार्रवाई
नई गाइडलाइन्स के मुताबिक, अब बिना बायोमेट्रिक आधार वेरिफिकेशन के कोई भी सिम कार्ड जारी नहीं होगा। यदि कोई व्यक्ति या दुकान फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सिम कार्ड बेचता है, तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी और उसके खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान होगा।
दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों और रिटेलर्स को भी सख्त हिदायत दी है कि वे सभी ग्राहकों की पहचान सुनिश्चित करें और बायोमेट्रिक सत्यापन को अनिवार्य रूप से अपनाएं।
साइबर फ्रॉड रोकने के लिए सरकार का नया प्लान
PMO के इस फैसले के पीछे मुख्य कारण साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाएं हैं। हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल बैंक फ्रॉड, ऑनलाइन स्कैम और कस्टमर डेटा चोरी करने के लिए किया गया। इस वजह से सरकार ने सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को और सख्त बनाने का फैसला किया है।
इस नए नियम से उम्मीद की जा रही है कि साइबर क्राइम और डिजिटल धोखाधड़ी पर काफी हद तक लगाम लगेगी। साथ ही, ग्राहक भी अब ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे क्योंकि बिना पहचान के कोई भी नया सिम कार्ड जारी नहीं किया जाएगा।
दूरसंचार कंपनियों के लिए क्या हैं नए नियम?
सरकार द्वारा जारी किए गए नए निर्देशों के तहत टेलीकॉम कंपनियों और रिटेलर्स को अब कुछ नए नियमों का पालन करना होगा जैसे बायोमेट्रिक आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य – बिना आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट स्कैनिंग के कोई भी नया सिम कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। इसके आलावा अगर कोई टेलीकॉम कंपनी या रिटेलर बिना सही डॉक्यूमेंट के सिम कार्ड जारी करता है, तो FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सरकार ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEAs) को भी सक्रिय किया है ताकि फर्जी सिम कार्ड से जुड़े मामलों की जांच की जा सके और अपराधियों को पकड़ा जा सके। अब यदि किसी सिम कार्ड की पहचान फर्जी के रूप में होती है, तो उसे तुरंत डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा।
ग्राहकों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
इस नए नियम के बाद ग्राहकों को भी सतर्क रहना होगा और कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- सिम कार्ड खरीदते समय हमेशा अपना आधार कार्ड साथ रखें और सुनिश्चित करें कि बायोमेट्रिक सत्यापन सही तरीके से किया गया है।
- यदि किसी अनजान व्यक्ति से सिम कार्ड खरीदने का ऑफर मिले, तो सावधान रहें और केवल अधिकृत टेलीकॉम स्टोर से ही सिम कार्ड लें।
- अगर आपको लगता है कि कोई फर्जी सिम कार्ड आपके नाम पर जारी किया गया है, तो तुरंत अपनी टेलीकॉम कंपनी और साइबर सेल को इसकी सूचना दें।
निष्कर्ष
PMO द्वारा जारी किए गए नए निर्देशों से साइबर फ्रॉड, बैंकिंग धोखाधड़ी और फर्जी कॉल स्कैम्स पर कड़ी लगाम लगाई जा सकेगी। अब हर नया सिम कार्ड बायोमेट्रिक आधार वेरिफिकेशन के बाद ही जारी होगा, जिससे फर्जीवाड़े की संभावनाएं कम होंगी।
सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक अहम प्रयास है। जो भी व्यक्ति या कंपनी इन नियमों का उल्लंघन करेगी, उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा। इसलिए, अगर आप भी नया Sim Card खरीदने की सोच रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका आधार वेरिफिकेशन सही तरीके से हो चुका है।