अब पूरे देश में लागू होगा ‘एक देश-एक समय’, उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना

अब पूरे देश में लागू होगा 'एक देश-एक समय', उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना
अब पूरे देश में लागू होगा ‘एक देश-एक समय’, उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना

भारत में समय के मानकीकरण के लिए सरकार ने ‘एक देश-एक समय’ नीति लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विधिक माप विज्ञान (भारतीय मानक समय) नियम-2024 के मसौदे के तहत, पूरे देश में भारतीय मानक समय (IST) को अनिवार्य समय संदर्भ के रूप में अपनाया जाएगा। इसका उद्देश्य प्रशासनिक, वाणिज्यिक और कानूनी प्रक्रियाओं को सुसंगत बनाना है।

एक देश-एक समय: क्यों जरूरी है?

समय का सटीक निर्धारण रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाता है। बैंकिंग, दूरसंचार, रक्षा, 5G, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीकों में नैनोसेकंड की सटीकता आवश्यक है। किसी भी चूक से बड़ा आर्थिक और सुरक्षा संकट खड़ा हो सकता है।

वर्तमान में, देशभर में अलग-अलग टाइम मानकों के उपयोग से अफरा-तफरी की स्थिति बनती है। नए नियम के तहत, सभी क्षेत्रों में IST को अनिवार्य किया जाएगा।

मसौदे की प्रमुख बातें

  1. आईएसटी का उपयोग अनिवार्य: वाणिज्य, परिवहन, कानूनी अनुबंध, और वित्तीय कार्यों में केवल IST को मान्यता मिलेगी।
  2. समय संदर्भ पर प्रतिबंध: अन्य टाइम स्टैंडर्ड का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित होगा।
  3. साइबर सुरक्षा: समय-सिंक्रनाइजेशन सिस्टम के तहत सभी प्रणालियों को एक समान समय संदर्भ से जोड़ा जाएगा।
  4. उल्लंघन पर जुर्माना: प्रस्तावित नियमों का पालन न करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

पूर्वोत्तर राज्यों का तर्क

भारत में एक ही समय क्षेत्र (Time Zone) का उपयोग किया जाता है। पूर्वोत्तर राज्यों ने अलग टाइम जोन की मांग की है, क्योंकि वहां सूर्योदय और सूर्यास्त जल्दी होता है। लेकिन, वैज्ञानिकों के मुताबिक, अलग-अलग टाइम जोन से मानवीय त्रुटियां बढ़ सकती हैं, जिससे रेल और विमान हादसे हो सकते हैं।

हालांकि, ‘जर्नल करंट साइंस’ के शोध में दावा किया गया कि दो टाइम जोन से वार्षिक 20 मिलियन किलोवाट बिजली की बचत होगी।

भारतीय मानक समय का इतिहास

भारतीय मानक समय (IST) की शुरुआत 1906 में हुई थी। 1884 में वाशिंगटन में हुए इंटरनेशनल मेरिडियन कॉन्फ्रेंस में भारत के लिए दो टाइम जोन तय किए गए थे। लेकिन 1948 में इसे बदलकर देशभर में एकल समय क्षेत्र लागू किया गया। भारत का मानक समय ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) से 5 घंटे 30 मिनट आगे है।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अलग-अलग टाइम जोन

दुनिया के बड़े देशों में अलग-अलग टाइम जोन का उपयोग किया जाता है जैसे अमेरिका में 11 टाइम जोन हैं, रूस में 11 टाइम जोन, वहीं फ्रांस में 12 टाइम जोन हैं

भारत जैसे देश में, जहां क्षेत्रीय और सांस्कृतिक विविधता है, एक समय जोन का उपयोग प्रशासनिक और व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सरल बनाता है।

क्या होंगे फायदे?

  • समय प्रबंधन में सुधार: सभी क्षेत्रों में समय का एक समान संदर्भ होगा।
  • साइबर सुरक्षा: समय-सिंक्रनाइजेशन से डिजिटल प्रणालियों की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
  • आर्थिक लाभ: समय की सटीकता से बैंकिंग और वित्तीय लेनदेन अधिक सुरक्षित होंगे।
  • हादसों की रोकथाम: अलग-अलग समय मानकों से होने वाले दुर्घटनाओं की संभावना खत्म होगी।

‘एक देश-एक समय’ नीति देश को तकनीकी और प्रशासनिक रूप से मजबूत बनाएगी। IST के अनिवार्य उपयोग से समय प्रबंधन में सुधार होगा और डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह कदम भारत को वैश्विक मानकों के करीब लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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