![नहीं चलेंगे पेट्रोल-डीजल वाले वाहन! 3 महीने बाद खरीदनी पड़ेगी नई गाड़ी? सरकार करने जा रही ये बदलाव](https://destinationnortheast.co.in/wp-content/uploads/2025/01/maharashtra-gvernment-to-explore-ban-on-petrol-diesel-vehicles-in-mumbai-metropolitan-area-1024x576.png)
मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण और यातायात की भीड़ को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्र (Mumbai Metropolitan Region – MMR) में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की संभावना पर विचार करने के लिए एक 7 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी आगामी तीन महीनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके बाद सरकार अंतिम निर्णय ले सकती है।
बता दें कि मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिले भी शामिल हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सरकार ने 22 जनवरी को एक प्रस्ताव जारी किया था, जिसमें बताया गया कि इस कमेटी की अध्यक्षता सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार श्रीवास्तव करेंगे। उनके साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस अध्ययन का हिस्सा होंगे।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने जताई थी चिंता
इस पूरे मामले की जड़ 9 जनवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट में स्वत: संज्ञान लेकर दायर की गई एक जनहित याचिका (PIL) से जुड़ी है। याचिका में मुंबई में ट्रैफिक जाम, बढ़ते प्रदूषण और इनसे होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर चिंता जताई गई थी।
हाईकोर्ट ने कहा था कि वाहनों से निकलने वाला धुआं मुंबई में वायु प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है और इसे नियंत्रित करने के लिए मौजूदा उपाय पर्याप्त नहीं हैं। इसके बाद कोर्ट ने सरकार से इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए।
क्या कहता है सरकारी प्रस्ताव (GR)?
सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया है कि समिति को विशेषज्ञों को शामिल करने और उनसे सुझाव लेने की स्वतंत्रता दी गई है। यह अध्ययन मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में पेट्रोल-डीजल वाहनों को प्रतिबंधित करने की व्यवहार्यता को परखेगा और सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
इसके अलावा, समिति इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और CNG वाहनों को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट के आधार पर सरकार आने वाले दिनों में ठोस निर्णय ले सकती है।
क्या होंगे संभावित प्रभाव?
अगर यह प्रस्ताव अमल में आता है, तो मुंबई महानगर क्षेत्र में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लग सकता है। इसके चलते लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन (EV) या CNG वाहनों को अपनाना जरूरी हो जाएगा।
इस कदम से मुंबई की हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला Renewable Energy को बढ़ावा देगा और प्रदूषण नियंत्रण में अहम भूमिका निभाएगा।
कब आएगी रिपोर्ट?
कमेटी को तीन महीनों में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। इसके बाद सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेगी। फिलहाल, सरकार ने स्पष्ट रूप से कोई प्रतिबंध लागू नहीं किया है, लेकिन इस अध्ययन के नतीजों के आधार पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
लोगों की राय और संभावित चुनौतियां
मुंबई जैसे व्यस्त शहर में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाना एक बड़ा कदम होगा, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कई चुनौतियां भी होंगी।
- इलेक्ट्रिक वाहन (EV) इन्फ्रास्ट्रक्चर: EV वाहनों के लिए पर्याप्त चार्जिंग स्टेशनों की कमी एक बड़ी बाधा साबित हो सकती है।
- बढ़ती लागत: इलेक्ट्रिक और CNG वाहनों की कीमतें पारंपरिक पेट्रोल-डीजल वाहनों से अधिक होती हैं, जिससे आम लोगों के लिए यह महंगा साबित हो सकता है।
- परिवहन विकल्पों की कमी: अगर पर्याप्त वैकल्पिक परिवहन साधन उपलब्ध नहीं कराए गए, तो इस प्रतिबंध से ट्रैफिक और लॉजिस्टिक्स प्रभावित हो सकते हैं।
आगे क्या?
सरकार इस मामले में विशेषज्ञों की राय के बाद अंतिम फैसला लेगी। अगर प्रतिबंध लागू होता है, तो मुंबई को जल्द ही इलेक्ट्रिक और CNG वाहनों पर निर्भर रहना होगा। इस फैसले से पर्यावरण संरक्षण और Renewable Energy को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन आम जनता को भी इसके लिए तैयार होना पड़ेगा।