सोने में गिरावट जारी! तीसरे दिन भी सस्ता हुआ सोना, जानें 29 जनवरी को क्या है गोल्ड रेट

सोने में गिरावट जारी! तीसरे दिन भी सस्ता हुआ सोना, जानें 29 जनवरी को क्या है गोल्ड रेट
सोने में गिरावट जारी! तीसरे दिन भी सस्ता हुआ सोना, जानें 29 जनवरी को क्या है गोल्ड रेट

आज बुधवार 29 जनवरी 2025 को सोने की कीमतों में लगातार तीसरे दिन गिरावट देखने को मिली है। बजट पेश होने से पहले सोने के भाव में करेक्शन आया है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार इस बजट में इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी कर सकती है, जिससे सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। हालांकि, फिलहाल घरेलू बाजार में डिमांड में कमी के चलते सोने के दाम में गिरावट जारी है।

24 और 22 कैरेट सोने के दाम में आई गिरावट

बुधवार 29 जनवरी को 24 कैरेट सोने की कीमतें प्रमुख शहरों में 81,900 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गईं। यह पहली बार हुआ है जब सोना 82,000 रुपये के नीचे आ गया है। वहीं, 22 कैरेट सोने की कीमत 75,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास रही। पिछले हफ्ते सोना अपने उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गया था, लेकिन अब इसमें करेक्शन देखने को मिल रहा है।

दिल्ली और मुंबई में सोने की कीमतें

दिल्ली में 24 कैरेट सोना 350 रुपये की गिरावट के साथ 82,070 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि 22 कैरेट सोना 75,240 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बना हुआ है। मुंबई में 24 कैरेट सोना 81,920 रुपये और 22 कैरेट सोना 75,090 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह, कोलकाता और चेन्नई में भी सोने के दाम 81,920 रुपये और 75,090 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बने हुए हैं।

चांदी की कीमत में भी गिरावट

29 जनवरी को चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई। आज चांदी 100 रुपये सस्ती होकर 96,300 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई है। घरेलू मांग में कमजोरी के कारण चांदी की कीमत में यह गिरावट देखने को मिल रही है। चांदी के दाम में लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई है, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं।

सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक

भारत में सोने की कीमतें कई फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं, जिनमें प्रमुख रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत, इंपोर्ट ड्यूटी, टैक्स और भारतीय रुपये की मजबूती या कमजोरी शामिल हैं। इसके अलावा, शादी-ब्याह और त्योहारों के दौरान सोने की मांग बढ़ने से कीमतों में उछाल देखने को मिलता है। सरकार द्वारा इंपोर्ट ड्यूटी में संभावित बढ़ोतरी की अटकलों के चलते निवेशकों की नजरें बजट 2025 पर टिकी हुई हैं।

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