भारत में आजकल रसोई घरों में गैस चूल्हे का इस्तेमाल लगभग हर घर में हो रहा है। एलपीजी (LPG) और पीएनजी (PNG) गैस का उपयोग भोजन बनाने के लिए किया जा रहा है, लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि गैस सिलेंडर में आने वाली एलपीजी गैस सस्ती पड़ती है या फिर पाइपलाइन के जरिए आने वाली पीएनजी गैस। इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमें इन दोनों गैसों के इस्तेमाल की लागत और रेट्स को समझना होगा।
एलपीजी और पीएनजी गैस के रेट्स में अंतर
एलपीजी गैस का उपयोग मुख्य रूप से सिलेंडर में होता है, जबकि पीएनजी गैस पाइपलाइन के जरिए घरों में पहुंचती है। यदि हम दोनों गैसों की कीमतों की तुलना करें, तो पीएनजी गैस एलपीजी के मुकाबले सस्ती पड़ती है। यह अंतर काफी स्पष्ट है, खासकर दिल्ली जैसे बड़े शहरों में, जहां गैस की खपत और कीमतों पर निगरानी की जाती है।
एलपीजी गैस की कीमतों को देखें तो एक 14.2 किलोग्राम गैस सिलेंडर की कीमत लगभग 820 रुपये के आस-पास होती है। वहीं, अगर पीएनजी गैस की बात करें तो, एक क्यूबिक मीटर पीएनजी गैस की कीमत 41-42 रुपये के आसपास होती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि 1 किलोग्राम एलपीजी गैस लगभग 1.564 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (SCM) पीएनजी गैस के बराबर होती है। इससे यह पता चलता है कि पीएनजी गैस का उपयोग एलपीजी गैस की तुलना में कहीं अधिक सस्ता है।
पीएनजी गैस में होगी बचत
अगर हम लागत के हिसाब से दोनों गैसों का तुलनात्मक मूल्यांकन करें, तो पीएनजी गैस निश्चित रूप से सस्ती पड़ती है। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली में 14.2 किलोग्राम का एक एलपीजी सिलेंडर खरीदने पर आपको लगभग 820 रुपये का खर्च आता है। वहीं, इतनी ही गैस की खपत अगर आप पीएनजी के जरिए करें, तो आपको करीब 586 रुपये का खर्च आएगा। इसका मतलब है कि पीएनजी गैस एलपीजी गैस के मुकाबले लगभग 300 रुपये सस्ती पड़ती है। यह फर्क न केवल दैनिक खर्चों को कम करता है, बल्कि गैस की उपलब्धता और भंडारण की समस्याओं से भी बचाता है।
सुरक्षित है पीएनजी गैस का इस्तेमाल
एक और महत्वपूर्ण पहलू जो पीएनजी गैस के पक्ष में जाता है, वह है उसकी सुरक्षा। पीएनजी गैस का प्रेशर एलपीजी गैस की तुलना में बहुत कम होता है। एलपीजी गैस के सिलेंडर में गैस का दबाव लगभग 4200 मिलीबार (mbar) होता है, जबकि पीएनजी गैस में यह प्रेशर केवल 21 मिलीबार होता है। इस वजह से पीएनजी गैस को कहीं अधिक सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि यह हल्की होती है और लीक होने पर हवा में घुल जाती है, जिससे किसी प्रकार की दुर्घटना की संभावना कम होती है। इसके विपरीत, एलपीजी गैस भारी होती है और अगर यह लीक होती है, तो यह आस-पास के वातावरण में फैल जाती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
क्यों बढ़ रहा है पीएनजी गैस का उपयोग?
देश में बढ़ती हुई जनसंख्या और शहरीकरण के साथ गैस की खपत में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। नई बिल्डिंगों में पीएनजी गैस का कनेक्शन लगाने का रुझान तेजी से बढ़ा है। खासकर जिन लोगों ने हाल ही में अपने घर बनाए हैं, वे अधिकतर पीएनजी गैस कनेक्शन पर भरोसा कर रहे हैं। यह न केवल सस्ता है, बल्कि इसकी आपूर्ति भी सुविधाजनक और निरंतर बनी रहती है। इसके अलावा, पीएनजी गैस का उपयोग लंबी अवधि में अधिक किफायती साबित होता है, जिससे इसके ग्राहक इसे एक स्थिर और सुरक्षित विकल्प मानते हैं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, पीएनजी गैस की तुलना में एलपीजी गैस काफी महंगी पड़ती है। हालांकि, एलपीजी गैस का इस्तेमाल अभी भी कई क्षेत्रों में प्रचलित है, लेकिन बढ़ते हुए शहरीकरण और गैस की खपत को देखते हुए, पीएनजी गैस एक बेहतर और सस्ता विकल्प साबित हो रहा है। इसकी सुरक्षा, किफायती दर, और निरंतर आपूर्ति ने इसे एक आदर्श विकल्प बना दिया है।