![ड्रोन दीदी योजना पर बड़ा अपडेट! ₹8 लाख की सब्सिडी और फ्री ट्रेनिंग, ऐसे उठाएं लाभ](https://destinationnortheast.co.in/wp-content/uploads/2025/02/drone-didi-yojana-8-lakh-government-subsidy-benefits-1024x576.jpg)
महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। ‘ड्रोन दीदी योजना’ के तहत, महिलाओं को ड्रोन तकनीक में मुफ्त प्रशिक्षण के साथ-साथ 8 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करना और कृषि क्षेत्र में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना है।
योजना का उद्देश्य और लाभ
‘ड्रोन दीदी योजना’ के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य है कि महिलाओं को ड्रोन तकनीक का उपयोग करके कृषि सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया जाए। इसके तहत, देशभर में 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे। इन ड्रोन का उपयोग कीटनाशकों और उर्वरकों के छिड़काव जैसे कृषि कार्यों में किया जाएगा, जिससे खेती की दक्षता में सुधार होगा और महिलाओं की आय में वृद्धि होगी।
सब्सिडी और वित्तीय सहायता
इस योजना के तहत, ड्रोन की कुल लागत का 80% या अधिकतम 8 लाख रुपये तक की सब्सिडी सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। शेष 20% राशि के लिए, कृषि अवसंरचना कोष (AIF) से 3% की मामूली ब्याज दर पर ऋण सुविधा उपलब्ध होगी। इस प्रकार, महिलाओं को ड्रोन खरीदने में वित्तीय सहायता मिलेगी और वे कृषि सेवाओं के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगी।
प्रशिक्षण और आय के अवसर
महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को ड्रोन संचालन का 15 दिवसीय मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद, ये महिलाएं ‘ड्रोन दीदी’ के रूप में काम करेंगी और उन्हें प्रति माह 15,000 रुपये का वेतन मिलेगा। इसके अतिरिक्त, ड्रोन सेवाओं के माध्यम से, महिलाएं प्रति वर्ष 1 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आय भी कमा सकेंगी।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, महिला का स्वयं सहायता समूह की सक्रिय सदस्य होना आवश्यक है। साथ ही, आवेदिका की आयु 18 से 37 वर्ष के बीच होनी चाहिए और वह भारतीय नागरिक होनी चाहिए। आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र
- पैन कार्ड
- फोन नंबर
- ईमेल आईडी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- स्वयं सहायता समूह का पहचान पत्र
योजना का प्रभाव
‘ड्रोन दीदी योजना’ के माध्यम से, महिलाओं को न केवल आर्थिक सशक्तिकरण मिलेगा, बल्कि वे कृषि क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञता भी हासिल करेंगी। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि कृषि उत्पादन में भी सुधार होगा। यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।