![गोंडा-रामपुर माफी समेत 13 गांवों की जमीन बनी सोना, यहाँ से निकलेगा फोर लेन एक्सप्रेसवे](https://destinationnortheast.co.in/wp-content/uploads/2025/01/chitrakoot-link-expressway-four-lane-road-1024x576.jpg)
चित्रकूट को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इसके लिए चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है, जो जिले के 13 गांवों से होकर गुजरेगा। इस 16 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेसवे की लागत करीब 350 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में जमीन के दाम बढ़ने लगे हैं।
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे: आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का नया अध्याय
चित्रकूट जिले को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए यह लिंक रोड एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा। प्रदेश सरकार के इस कदम से क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल चित्रकूट बल्कि आसपास के कई जिलों को भी फायदा होगा। इसका सीधा असर व्यापार, पर्यटन और परिवहन पर पड़ेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
कितने गांवों से होकर गुजरेगा चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे
इस लिंक एक्सप्रेसवे का रूट चित्रकूट जिले के 13 गांवों से होकर गुजरेगा। यह गांव अब इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास का गवाह बनेंगे। इनमें प्रमुख रूप से गोंडा, रामपुर माफी सहित अन्य गांव शामिल हैं। इन क्षेत्रों में जमीन की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है।
कितना लंबा होगा लिंक एक्सप्रेसवे
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 16 किलोमीटर होगी। यह छोटा लेकिन महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ेगा, जिससे यातायात को सुगमता मिलेगी। यह परियोजना सरकार की बुनियादी ढांचा (Infrastructure) विकास नीति का हिस्सा है, जो प्रदेश को मजबूत सड़क नेटवर्क प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ेगा चित्रकूट
इस एक्सप्रेसवे को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिससे यातायात की सुगमता बढ़ेगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पहले से ही यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ है। इस नए लिंक के जुड़ने से चित्रकूट से लखनऊ, आगरा और दिल्ली तक की यात्रा पहले से अधिक सुगम हो जाएगी। इससे व्यापार और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
तेजी से हो रहा भूमि अधिग्रहण
परियोजना की गति को देखते हुए प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाई है। जिन 13 गांवों से यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा, वहां जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा होने की कगार पर है। सरकार द्वारा उचित मुआवजा दिए जाने के कारण किसान और स्थानीय लोग भी इस विकास कार्य में सहयोग कर रहे हैं।
शुरुआत में फोर लेन होगा एक्सप्रेसवे
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे की शुरुआत फोर लेन के रूप में होगी, लेकिन भविष्य में बढ़ती जरूरतों को देखते हुए इसे छह लेन या आठ लेन तक विस्तारित करने की योजना बनाई जा रही है। इससे वाहनों की आवाजाही में सहूलियत होगी और हाईवे पर ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं होगी।
इन गांवों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
चित्रकूट जिले के 13 गांवों से होकर गुजरने वाले इस एक्सप्रेसवे में कई ऐसे गांव शामिल हैं, जहां पहले इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव था। अब इन क्षेत्रों में विकास की नई रोशनी पहुंच रही है। इनमें प्रमुख रूप से गोंडा, रामपुर माफी, गढ़ी, चमरौहा, भटौली, बनवारीपुर, चौधरीपुर और अन्य गांव शामिल हैं।
सतना से जुड़ेगा चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेसवे का लाभ सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि मध्य प्रदेश के सतना जिले से भी सीधा कनेक्शन मिलेगा। इससे चित्रकूटधाम आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यात्रा में सुविधा होगी। यह मार्ग धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।
निष्कर्ष: चित्रकूट का विकास अब पक्की सड़क पर
सरकार की इस परियोजना से चित्रकूट और आसपास के क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी। इससे क्षेत्र में नए व्यवसाय, उद्योग और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। भविष्य में इस एक्सप्रेसवे को देश के अन्य प्रमुख हाइवे से जोड़ने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।