Rules Change: क्या बदलने वाले हैं Petrol, CNG और FAS Tag के नियम? जानिए पूरी सच्चाई!

Rules Change: क्या बदलने वाले हैं Petrol, CNG और FASTag के नियम? जानिए पूरी सच्चाई!
Rules Change: क्या बदलने वाले हैं Petrol, CNG और FAS Tag के नियम? जानिए पूरी सच्चाई!

अगर आपके पास कार, बाइक या कोई अन्य वाहन है या फिर आप वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार जल्द ही Petrol, CNG और FASTag से जुड़े नियमों में बदलाव कर सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार नई नीति पर विचार कर रही है, जिसके तहत थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बिना वाहन मालिकों को पेट्रोल-डीजल और CNG नहीं मिलेगी। इतना ही नहीं, FASTag खरीदने पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। आइए, जानते हैं इस प्रस्तावित बदलाव के बारे में विस्तार से।

क्या है नया नियम?

सरकार द्वारा प्रस्तावित नीति के अनुसार, किसी भी वाहन मालिक के पास थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना अनिवार्य होगा। अगर किसी वाहन के पास यह इंश्योरेंस नहीं होगा, तो पेट्रोल पंप पर ईंधन भरवाने और CNG रिफिल कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इतना ही नहीं, FASTag भी तभी जारी किया जाएगा जब वाहन का इंश्योरेंस प्रमाण पत्र वैध होगा।

इसके अलावा, बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्यूअल भी नहीं किया जाएगा। यानी, अब इंश्योरेंस की अनदेखी करने वाले वाहन मालिकों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यह बदलाव सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है ताकि बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके।

क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस?

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस किसी भी वाहन से जुड़े दुर्घटना में तीसरे पक्ष को हुए नुकसान को कवर करता है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी कार या बाइक किसी अन्य वाहन से टकरा जाती है और सामने वाले व्यक्ति या वाहन को कोई नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई आपकी इंश्योरेंस कंपनी करेगी।

भारत में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 146 के तहत, सभी वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है। इसके बिना वाहन चलाना कानूनन अपराध माना जाता है। वर्तमान नियमों के अनुसार, यह इंश्योरेंस कम से कम 3 महीने का होना जरूरी है।

FAS Tag और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का कनेक्शन

FAS Tag का इस्तेमाल टोल प्लाजा पर डिजिटल भुगतान के लिए किया जाता है। नए नियमों के तहत, FAS Tag खरीदने के लिए भी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का प्रमाण पत्र आवश्यक होगा। इससे टोल प्लाजा पर डिजिटल भुगतान को और अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाया जा सकेगा।

FASTag और इंश्योरेंस को जोड़ने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी वाहन बीमित हों और सड़क पर चलने वाले हर वाहन की सुरक्षा बनी रहे। इसके अलावा, यह निर्णय डिजिटल इंडिया पहल को भी मजबूती देगा।

CNG और पेट्रोल वाहनों पर प्रभाव

सरकार द्वारा यह नियम CNG और पेट्रोल-डीजल से चलने वाले सभी वाहनों पर लागू किया जाएगा। अगर किसी वाहन के पास थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं होगा, तो CNG भरवाने की अनुमति नहीं मिलेगी। पेट्रोल-डीजल खरीदने के लिए भी इंश्योरेंस अनिवार्य होगा। इससे सड़क पर बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों की संख्या में कमी आएगी। और दुर्घटनाओं के मामले में प्रभावित पक्ष को मुआवजा मिलना सुनिश्चित होगा।

क्या होगा नियम तोड़ने पर?

अगर कोई वाहन बिना इंश्योरेंस के पकड़ा जाता है, तो उसे जुर्माना भरना पड़ेगा। पहली बार पकड़े जाने पर ₹2000 तक का जुर्माना या 3 महीने की जेल हो सकती है। दूसरी बार गलती करने पर ₹4000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है

सरकार का उद्देश्य क्या है?

सरकार का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और दुर्घटनाओं से जुड़े मुआवजे के मामलों को हल करना है। इस नए नियम से:

  1. सड़क पर बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों की संख्या में कमी आएगी।
  2. दुर्घटना की स्थिति में पीड़ित को तेजी से मुआवजा मिल सकेगा
  3. डिजिटल ट्रांजैक्शन और FASTag को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
  4. सड़क सुरक्षा कानूनों को कड़ाई से लागू किया जा सकेगा

नया नियम आम आदमी को कैसे प्रभावित करेगा?

अगर यह नियम लागू होता है, तो हर वाहन मालिक को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य होगा

  • लागत में मामूली बढ़ोतरी होगी, क्योंकि इंश्योरेंस प्रीमियम भरना होगा।
  • फायदा यह होगा कि दुर्घटना के समय वाहन मालिक को भारी वित्तीय नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा
  • सड़क दुर्घटनाओं में शामिल पक्षों को जल्द और उचित मुआवजा मिलेगा
  • बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों की वजह से होने वाले जोखिम कम होंगे

अंतिम निष्कर्ष

सरकार के इस फैसले से सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और वाहन मालिकों की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी। यह नियम न केवल दुर्घटना पीड़ितों को जल्दी मुआवजा दिलाने में मदद करेगा, बल्कि बिना इंश्योरेंस के वाहनों की संख्या को भी कम करेगा। FAS Tag और इंश्योरेंस को जोड़ने से डिजिटल ट्रांजैक्शन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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