![Board Exam Datesheet: 10वीं और 12वीं के छात्रों की बल्ले-बल्ले! फेल होने वालों के लिए बोर्ड का खास तोहफा](https://destinationnortheast.co.in/wp-content/uploads/2025/01/Board-Exam-Datesheet-1024x576.jpg)
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने बोर्ड परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए सप्लीमेंट्री परीक्षा को खत्म करने का निर्णय लिया है। इस नई नीति के तहत, अब छात्रों को अपने परीक्षा परिणाम आने के चार महीने बाद दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा। यह बदलाव उन छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभदायक साबित होगा जो किसी एक या अधिक विषयों में पास नहीं हो सके हैं। इतना ही नहीं, जो छात्र पहले से पास हैं लेकिन अपने अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, वे भी इस नई प्रणाली के तहत दोबारा परीक्षा में बैठ सकते हैं।
परीक्षा के टाइम टेबल में हुआ संशोधन
इस साल 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के टाइम टेबल में बदलाव किया गया है। रंगपंचमी के कारण 19 मार्च की परीक्षा को आगे बढ़ा दिया गया है। अब 10वीं कक्षा की विज्ञान विषय की परीक्षा और 12वीं की एनएसक्यूएफ (NSQF) व शारीरिक शिक्षा की परीक्षा 21 मार्च को आयोजित होगी। परीक्षा का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक तय किया गया है। यह बदलाव छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है ताकि परीक्षा प्रक्रिया सुचारु और व्यवस्थित रहे।
परीक्षा केंद्रों पर सुविधाओं को प्राथमिकता
परीक्षा केंद्रों पर छात्रों को अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। अब केवल उन्हीं स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा जहां वॉशरूम, स्वच्छ पेयजल और सीसीटीवी कैमरों की सुविधा उपलब्ध हो। यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी छात्र को टाटपट्टी या जमीन पर बैठकर परीक्षा न देनी पड़े। इसके लिए प्रत्येक जिले को 1-1 लाख रुपये का फंड आवंटित किया गया है। जहां भी फर्नीचर की कमी होगी, वहां पास के स्कूलों से फर्नीचर उपलब्ध कराया जाएगा।
परीक्षा केंद्रों पर सख्त व्यवस्थाएं
परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। केंद्राध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि परीक्षा से एक दिन पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी हो जाएं। कुल 3887 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 562 को संवेदनशील और अति संवेदनशील घोषित किया गया है।
पेपर लीक रोकने के लिए ऑनलाइन निगरानी
इस बार परीक्षा में पेपर लीक की समस्या को रोकने के लिए ऑनलाइन निगरानी की व्यवस्था की गई है। सभी जिलों में एक विशेष कंट्रोल रूम से परीक्षा प्रक्रिया पर नजर रखी जाएगी। 10वीं और 12वीं की इस परीक्षा में लगभग 17 लाख छात्र शामिल होंगे। इससे परीक्षा प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनेगी।
फेक छात्रों पर सख्त नियम लागू
फर्जी छात्रों और नकल को रोकने के लिए भी सख्त नियम बनाए गए हैं। परीक्षा केंद्र पर सभी कर्मचारियों को प्रवेश कार्ड पहनना अनिवार्य होगा। छात्रों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले अपनी जेब और बैग में मौजूद सभी सामग्री, जैसे कागज या पर्ची, एक विशेष पेटी में जमा करनी होगी। यह कदम नकल को पूरी तरह से समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
संवेदनशील केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा
सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील और अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यहां सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जाएगी और अन्य तकनीकी साधनों का भी उपयोग किया जाएगा। जिला प्रशासन को परीक्षा के दौरान किसी भी अनुचित गतिविधि को रोकने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।
छात्रों के हित में बड़ा कदम
माशिमं द्वारा लिए गए इन निर्णयों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को अधिक सुविधाजनक और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली प्रदान करना है। यह नई व्यवस्था छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने का एक सुनहरा अवसर देगी। इसके साथ ही, यह बदलाव परीक्षा प्रणाली में छात्रों का विश्वास बढ़ाने में मदद करेगा।