![2 फरवरी को मनाई जाएगी बसंत पंचमी, जानें पूजन विधि और शुभ समय](https://destinationnortheast.co.in/wp-content/uploads/2025/01/basant-panchami-2025-kab-hai-date-shubh-muhurat-1024x576.jpg)
Basant Panchami 2025: पंचांग के अनुसार, इस साल बसंत पंचमी का पावन पर्व 02 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन देवी सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। ज्ञान, बुद्धि और विद्या की देवी मां सरस्वती की विधिपूर्वक आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और करियर में सफलता प्राप्त होती है। इस दिन को विद्या, कला और संगीत के आरंभ के लिए बेहद शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं Basant Panchami 2025 की शुभ तिथि, पूजन विधि, मंत्र, भोग और नियम।
बसंत पंचमी 2025 कब है?
पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 02 फरवरी 2025 को सुबह 09:14 बजे होगा और यह तिथि 03 फरवरी 2025 को सुबह 06:52 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के आधार पर बसंत पंचमी 02 फरवरी को मनाई जाएगी।
बसंत पंचमी 2025: पूजा का शुभ मुहूर्त
Basant Panchami 2025 के दिन सरस्वती पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 07:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान मां सरस्वती की आराधना करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा।
बसंत पंचमी 2025: पूजन विधि
बसंत पंचमी के दिन प्रातःकाल स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें।
एक स्वच्छ चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर गणेश जी और मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
कलश स्थापित कर विधिपूर्वक षोडशोपचार पूजन करें।
मां सरस्वती को पीले पुष्प, पीले वस्त्र, फल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
पीले चावल से ओम लिखकर मां सरस्वती की आराधना करें।
मां सरस्वती को आम्र मंजरी अर्पित करें और सरस्वती वंदना करें।
पूजा समाप्त होने के बाद मां सरस्वती की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
बसंत पंचमी 2025: पूजन सामग्री
पूजन के लिए आवश्यक सामग्री में मां सरस्वती की प्रतिमा, गणेश जी की प्रतिमा, पीले फूल, पीला वस्त्र, लकड़ी की चौकी, चुनरी, हवन सामग्री, आम की लकड़ी, रोली, मौली, कपूर, धूप, दीप, अक्षत, लौंग, सुपारी, तुलसी दल, हल्दी, कुमकुम, कलश, सूखा नारियल, पान, फल, गाय का गोबर, तिल, आम के पत्ते, खीर, पीले मीठे चावल, बूंदी का लड्डू, बेसन का लड्डू या मालपुआ शामिल हैं।
बसंत पंचमी 2025: मां सरस्वती के मंत्र
- मां सरस्वती का बीज मंत्र: ऐं
- सरस्वती वंदना मंत्र: ऊँ ह्रीं ऐं ह्रीं, सरस्वत्यै नमः।
- विद्या प्राप्ति मंत्र: ऊँ वद् वद् वाग्वादिनी स्वाहा।
- शारदा स्तुति: ऊँ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।
- सरस्वती पूजन मंत्र: सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्राकाल्यै नमो नमः। वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।
बसंत पंचमी के दिन करें ये कार्य
Basant Panchami के दिन मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करें।
विद्या और ज्ञान प्राप्ति के लिए पुस्तकों, पेन और रजिस्टर को मां सरस्वती के समक्ष रखें।
इस दिन पीले वस्त्र पहनें और पीले रंग के भोजन का सेवन करें।
बसंत पंचमी के दिन क्या न करें?
तामसिक भोजन का सेवन करने से बचें।
किसी से कटु वचन न बोलें और वाणी पर नियंत्रण रखें।
पेड़-पौधों को न काटें।