![Mumbai Local Stations Renamed: 7 रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए! जानें कौन से स्टेशन को मिला नया नाम](https://destinationnortheast.co.in/wp-content/uploads/2025/02/mumbai-local-stations-renamed-1024x576.jpg)
मुंबई, जो भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में जानी जाती है, अपने लोकल ट्रेन नेटवर्क की वजह से लाखों यात्रियों के लिए लाइफलाइन है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने Mumbai Local Stations Renamed प्रक्रिया के तहत सात प्रमुख रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का ऐलान किया है। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश-युग के नामों को हटाकर स्थानीय इतिहास, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना है।
इस परिवर्तन को मुंबई की सांस्कृतिक पहचान और ऐतिहासिक विरासत को मजबूत करने के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। यह निर्णय महाराष्ट्र सरकार ने लिया है और इसे केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है।
मुंबई लोकल के बदले गए स्टेशन और उनके नए नाम
मुंबई में 7 लोकल रेलवे स्टेशनों के नाम बदल दिए गए हैं ताकि शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को बढ़ावा दिया जा सके। अब Currey Road को लालबाग (Lalbaug), Sandhurst Road को डोंगरी (Dongri), Marine Lines को मुंबादेवी (Mumbadevi), Charni Road को गिरगांव (Girgaon), Cotton Green को कालाचौकी (Kalachowki), Dockyard Road को माझगांव (Mazgaon) और King’s Circle को तीर्थंकर पार्श्वनाथ (Tirthankar Parswanath) के नाम से जाना जाएगा। यह बदलाव स्थानीय धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने के लिए किया गया है।
नाम बदलने की वजह
मुंबई लोकल स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला केवल नाम परिवर्तन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक गहरी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सोच है।
ब्रिटिश-युग की विरासत को हटाना
ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बनाए गए कई रेलवे स्टेशनों के नाम उस दौर की उपनिवेशवादी मानसिकता को दर्शाते थे। महाराष्ट्र सरकार का यह कदम औपनिवेशिक पहचान को हटाकर स्थानीय संस्कृति को महत्व देने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।
स्थानीय पहचान और ऐतिहासिक धरोहर को बढ़ावा देना
मुंबादेवी का नामकरण मुंबई की संरक्षक देवी के नाम पर किया गया है, जो स्थानीय लोगों के लिए बेहद श्रद्धा का केंद्र है।
लालबाग को उसका नाम प्रसिद्ध लालबाग गणपति और मराठी संस्कृति की पहचान के रूप में दिया गया है।
तीर्थंकर पार्श्वनाथ का नाम जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ जी के सम्मान में रखा गया है, जो धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
मुंबई एक सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता वाला शहर है, और इस फैसले से यह और अधिक स्पष्ट रूप से झलकेगा। इन नामों के जरिए सरकार स्थानीय धरोहरों और ऐतिहासिक स्थलों को भी मान्यता देना चाहती है।
स्टेशन रिनेमिंग की प्रक्रिया
इस प्रस्ताव को महाराष्ट्र सरकार ने मार्च 2024 में मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने इस फैसले में अहम भूमिका निभाई। इसे राज्य विधानमंडल में सर्वसम्मति से पारित किया गया और अब इसे केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार है।
पहले भी बदले गए थे स्टेशन के नाम
यह पहली बार नहीं है जब मुंबई के रेलवे स्टेशनों के नाम बदले जा रहे हैं। इससे पहले भी कई स्टेशनों के नाम बदलकर उन्हें स्थानीय पहचान दी गई थी। जैसे विक्टोरिया टर्मिनस (VT) → छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT),एल्फिन्स्टन रोड → प्रभादेवी और ओशिवारा → राम मंदिर है।
मुंबई लोकल स्टेशनों के नाम बदलने का प्रभाव
मुंबई लोकल स्टेशनों के नाम बदलने से यात्रियों, स्थानीय निवासियों और पर्यटन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। शुरुआत में यात्रियों को नए नामों को समझने और अपनाने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन रेलवे प्रशासन ने संकेत दिया है कि प्लेटफॉर्म, संकेतक और डिजिटल डिस्प्ले पर जल्द ही नए नाम अपडेट किए जाएंगे ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो। स्थानीय स्तर पर यह बदलाव गौरव और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगा, क्योंकि नए नाम ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों से जुड़े हैं। वहीं, पर्यटन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि मुंबादेवी और तीर्थंकर पार्श्वनाथ जैसे धार्मिक स्थलों से जुड़े नाम यात्रियों और श्रद्धालुओं को आकर्षित कर सकते हैं।