![ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों पर सख्ती: ₹12,000 करोड़ के लंबित चालानों की वसूली के लिए सरकार का नया प्लान](https://destinationnortheast.co.in/wp-content/uploads/2025/01/traffic-violators-did-not-pay-rs-12000-crore-worth-of-challans-now-the-government-has-made-this-plan-1024x576.jpg)
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ सरकार अब सख्त कदम उठाने जा रही है। हाल ही में परिवहन विभाग ने जानकारी दी है कि ₹12,000 करोड़ के ई-चालान अभी भी लंबित हैं, जिन्हें वाहन मालिकों ने अब तक जमा नहीं किया है। इस समस्या को हल करने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय एक नए नियम पर विचार कर रहा है, जिसके तहत वाहन मालिकों और ड्राइविंग लाइसेंस धारकों के लिए अपना पता, आधार और मोबाइल नंबर अपडेट करना अनिवार्य होगा।
सरकार का मानना है कि यह कदम उन लोगों पर लगाम लगाने में मदद करेगा, जो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के बावजूद बेखौफ घूम रहे हैं और उन पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान नहीं कर रहे हैं।
मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव
सूत्रों के अनुसार, सरकार इस नए नियम को मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) में संशोधन के रूप में शामिल करने पर विचार कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कदम विशेष रूप से उन लोगों पर नजर रखने के लिए उठाया जा रहा है, जो बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं और सड़क पर अन्य वाहन चालकों के लिए खतरा बन जाते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कई मामलों में पाया गया है कि लोग चालान या अन्य कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए अपने मोबाइल नंबर बदल लेते हैं या नया ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) बनवा लेते हैं। ऐसे लोगों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए सरकार अब आधार (Aadhaar) और मोबाइल नंबर को अपडेट करना अनिवार्य बनाने जा रही है।
ई-चालान सिस्टम की खामियों को दूर करने की योजना
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार, ई-चालान सिस्टम की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उसका डेटा पूरी तरह अपडेट नहीं है। मंत्रालय ने बताया कि कई मामलों में वाहन मालिकों के मोबाइल नंबर और पते सही नहीं हैं, जिससे उन्हें चालान की जानकारी समय पर नहीं मिल पाती।
यही वजह है कि अब सरकार सभी वाहन मालिकों को अपने सारथी (Sarathi) और वाहन (Vahan) डेटाबेस में अपने विवरण को अपडेट करने के लिए बाध्य करेगी। इस कदम से ई-चालान का सही समय पर भुगतान सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
दशकों पुराने लाइसेंस और गलत जानकारी बनी समस्या
परिवहन विभाग के अनुसार, बड़ी संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) और वाहन रजिस्ट्रेशन (Vehicle Registration) प्रमाणपत्र दशकों पुराने हो सकते हैं, जिनमें अब तक मोबाइल नंबर और आधार नंबर अपडेट नहीं किए गए हैं।
ऐसे में जब ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को चालान भेजा जाता है, तो वह सही पते तक नहीं पहुंचता। साथ ही, कई लोग पुराने नंबर बंद कर देते हैं, जिससे उन्हें चालान की जानकारी नहीं मिलती। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार अब यह सुनिश्चित करेगी कि हर वाहन मालिक और लाइसेंस धारक समय-समय पर अपने विवरण को अपडेट करे।
चालान न भरने वालों को होगा आर्थिक नुकसान
सरकार का मानना है कि यदि ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो सड़क सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, जो लोग ई-चालान (E-Challan) जमा नहीं करेंगे, उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
यदि कोई व्यक्ति चालान की समय सीमा के अंदर जुर्माना नहीं भरता है, तो सरकार उसे मिलने वाली कई अन्य सेवाओं पर रोक लगा सकती है। इनमें वाहन बीमा (Vehicle Insurance) के प्रीमियम में बढ़ोतरी, वाहन रजिस्ट्रेशन को निलंबित या रद्द करना, और अन्य कानूनी कार्रवाई शामिल हो सकती है।
इसके अलावा, जो लोग बार-बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है। इस नए नियम के लागू होने के बाद लोग चालान और ट्रैफिक नियमों को हल्के में नहीं ले पाएंगे।
सरकार का कड़ा रुख: जल्द लागू होंगे नए नियम
परिवहन मंत्रालय जल्द ही इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने की तैयारी में है। अधिकारियों का कहना है कि इस बदलाव से ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित होगा और लंबित ₹12,000 करोड़ के चालानों की वसूली करना आसान हो जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह नियम लागू हो जाता है, तो यह सड़क सुरक्षा में एक बड़ा सुधार होगा और वाहन मालिकों को अधिक जिम्मेदार बनाएगा। इससे न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन के लिए भी नियम तोड़ने वालों पर नजर रखना आसान हो जाएगा।